#छप्पन भोग
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ghostlybelieverpoetry · 4 months ago
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strangetyphoonearthquake · 4 months ago
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karam-123-ku · 4 months ago
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ramdevdassoylasblog · 4 months ago
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rsyadav · 9 months ago
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brijpal · 3 months ago
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#AlmightyGodKabir
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कबीर
संत गरीबदास जी की वाणी -
नर से फिर पशुवा कीजै, गधा, बैल बनाई। छप्पन भोग कहाँ मन बौरे, कहीं कुरड़ी चरने जाई ।।
मनुष्य जीवन में हम कितने अच्छे अर्थात् 56 प्रकार के भोजन खाते हैं। भक्ति न करने से या शास्त्रविरुद्ध साधना करने से गधा बनेगा, फिर ये छप्पन प्रकार के भोजन कहाँ प्राप्त होंगे, कहीं कुरड़ियों (रुड़ी) पर पेट भरने के लिए घास खाने जाएगा। इसी प्रकार बैल आदि-आदि पशुओं की योनियों में कष्ट पर कष्ट उठाएगा।
Kindly visit
(SANT RAMPAL JI MAHARAJ )Youtube Channel for more information about way of worship.
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radhadasi26363 · 4 months ago
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तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34)से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि आअनुसार सतभक्तिकरने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होतेहैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहींहोता है।
नर सेती तू पशुवा कीजै, गधा, बैलबनाई।
छप्पन भोग कहाँ मन बौरे, कहीं कुरड़ी चरनेजाई।।
#पितरों_का_उद्धार_कैसे_करें
Sant Rampal Ji Maharaj
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manisha999 · 11 months ago
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नर से फिर पशुवा कीजै, गधा, बैल बनाई।
छप्पन भोग कहाँ मन बौरे, कहीं कुरड़ी चरने जाई।
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ramdhirajdas · 22 days ago
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#GodMorningFriday संत गरीबदास जी की वाणी - नर से फिर पशुवा कीजै, गधा, बैल बनाई। छप्पन भोग कहाँ मन बौरे, कहीं कुरड़ी चरने जाई ।। मनुष्य जीवन में हम कितने अच्छे अर्थात् 56 प्रकार के भोजन खाते हैं। भक्ति न करने से या शास्त्रविरुद्ध साधना करने से गधा बनेगा, #noidagbnup16 में भी 🙏🏼🌿🪴
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dharmendra1111 · 4 months ago
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#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
नर सेती तू पशुवा कीजै, गधा, बैल बनाई।
छप्पन भोग कहाँ मन बौरे, कहीं कुरड़ी चरने जाई।।
मनुष्य जीवन में हम कितने अच्छे अर्थात् 56 प्रकार के भोजन खाते हैं। भक्ति न करने से या शास्त्रविरूद्ध साधना करने से गधा बनेगा, फिर ये छप्पन प्रकार के भोजन कहाँ प्राप्त होंगे?
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electroniccyclecupcake · 4 months ago
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✅नर से फिर पशुवा कीजै, गधा-बैल बनाई।
छप्पन भोग कहाँ मन बोरे, कुरड़ी चरने जाई।।
जो मनुष्य सत्य भक्ति शास्त्र अनुसार गुरू से दीक्षा लेकर नहीं करता। वह मृत्यु के पश्चात् पशु जीवन प्राप्त करता है। वह गधे या बैल के शरीर प्राप्त करता है।
👉 संत रामपाल जी महाराज ऐप डाउनलोड करें।
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ashokkumarsworld · 6 months ago
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#GodNightFriday
नर से फिर पशुआ कीजैं, गधा बैल बनाई ।
छप्पन भोग कहा मन बौरे, कहीं कुरड़ी चरने जाई ॥
मनुष्य जीवन में हम कितने अच्छे अर्थात 56 प्रकार के भोजन खाते हैं। भक्ति ना करने से या शास्त्रविरुद्ध साधना करने से गधा बनेगा, फिर ये छप्पन प्रकार के भोजन कहाँ प्राप्त होंगे।
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karam-123-ku · 4 months ago
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dineshdaas72132 · 4 months ago
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नर से फिर पशुआ खींचे कीज गधा बेल बनाई छप्पन भोग कहां मां भोर कुड़ी चलने है जो मनुष्य स्त्री पुरुष सत्य भक्ति शासनकाल शास्त्र अनुकूल गुरु से दीक्षा लेकर नहीं करता वह स्वयं मृत्यु के पश्चात पशु जीवन को प्राप्त करता है वह गड्ढे या बेल के शरीर प्राप्त करता है
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rohidasdeore · 4 months ago
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#श्राद्ध_करने_की_श्रेष्ठ_विधि
̺नर सेती तू पशुवा कीजै,
̺गधा, बैल बनाई।
छप्पन भोग कहाँ मन बौरे,
̺कहीं कुरड़ी चरने जाई।।
मनुष्य जीवन में हम कितने अच्छे अर्थात् 56 प्रकार के भोजन खाते हैं। भक्ति न करने से या शास्त्रविरूद्ध साधना करने से गधा बनेगा, फिर ये छप्पन प्रकार के भोजन कहाँ प्राप्त होंगे, कहीं कुरड़ियों (रूड़ी) पर पेट भरने के लिए घास खाने जाएगा। इसी प्रकार बैल आदि-आदि पशुओं की योनियों में कष्ट पर कष्ट उठाएगा।
जै सतगुरू की संगत करते,
̺ सकल कर्म कटि जाईं।
अमर पुरि पर आसन होते,
̺जहाँ धूप न छाँइ।।
संत गरीबदास जी ने परमेश्वर कबीर जी से प्राप्त सूक्ष्मवेद में कहा है कि यदि सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेते तो सर्व कर्मों के कष्ट कट जाते अर्थात् न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते।
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